सुपौल। अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय के तत्वावधान में जिला सांख्यिकी कार्यालय, सुपौल द्वारा जन्म–मृत्यु रजिस्ट्रीकरण से संबंधित जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी-सह-जिला रजिस्ट्रार (जन्म–मृत्यु) सावन कुमार द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
अपने संबोधन में जिलाधिकारी ने प्रशिक्षण में उपस्थित सभी प्रशिक्षणार्थियों को जन्म–मृत्यु प्रमाण पत्र के महत्व से अवगत कराते हुए कहा कि यह आम नागरिकों के लिए अत्यंत आवश्यक दस्तावेज है, जिसे सहज, सरल एवं समयबद्ध तरीके से लाभुकों तक पहुंचाना सभी संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि आमजनों को प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए महीनों इंतजार न करना पड़े, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
प्रशिक्षण सत्र में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी आशुतोष कुमार ने जन्म–मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 के सभी प्रावधानों एवं नियमों की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही बिहार जन्म–मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2025 में किए गए संशोधनों के बारे में बताते हुए कहा गया कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित पंचायत के पंचायत सचिव को रजिस्ट्रार (जन्म–मृत्यु) तथा शहरी क्षेत्रों में प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी एवं सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी को रजिस्ट्रार अधिसूचित किया गया है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य संस्थानों में जन्म एवं मृत्यु की घटना का निर्धारित समयावधि 21 दिनों के भीतर निबंधन कर प्रमाण पत्र निर्गत करने का प्रावधान है। इस नियम का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने हेतु सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी-सह-रजिस्ट्रार (जन्म–मृत्यु) को निर्देशित किया गया।
विलंब से (21 दिनों के बाद) निबंधन की स्थिति में सरकार द्वारा निर्धारित विलंब शुल्क प्राप्त करने के उपरांत संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी (ग्रामीण क्षेत्र) एवं कार्यपालक पदाधिकारी (नगर क्षेत्र) के आदेश से प्रमाण पत्र निर्गत किए जाने का प्रावधान बताया गया। सभी अपर जिला रजिस्ट्रार-सह-प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में निर्धारित समयावधि के भीतर निःशुल्क प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु आम नागरिकों में व्यापक जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अनुमंडल/रेफरल/सदर अस्पताल के उपाधीक्षक, सभी अपर जिला रजिस्ट्रार-सह-प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं सभी नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी उपस्थित रहे।


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