सुपौल। जिलाधिकारी सावन कुमार की अध्यक्षता में सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, 15वीं वित्त आयोग एवं षष्ठम राज्य वित्त आयोग मद से जिला परिषद, पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत स्तर पर संचालित योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक लहटन चौधरी सभागार में आयोजित की गई।
बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला पंचायत राज पदाधिकारी सुपौल, अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जिला परिषद सहित जिले के सभी प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक की शुरुआत में जिलाधिकारी द्वारा जिला परिषद स्तर पर संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई। इस क्रम में अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जिला परिषद सुपौल को निर्देश दिया गया कि अगली बैठक में जिला परिषद क्षेत्रवार स्वीकृत एवं संचालित योजनाओं का विस्तृत प्रतिवेदन के साथ अनिवार्य रूप से उपस्थित हों।
इसके पश्चात पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत स्तर पर संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई, जिसमें यह पाया गया कि अधिकांश ग्राम पंचायतों में 15वीं वित्त आयोग एवं षष्ठम राज्य वित्त आयोग की राशि उपलब्ध रहने के बावजूद कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। इस संबंध में प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि 15वीं वित्त आयोग मद से कुछ योजनाओं का भुगतान PFMS पोर्टल में तकनीकी समस्या के कारण लंबित है, वहीं कई ग्राम पंचायतों में मुखिया द्वारा योजनाओं के प्रति रुचि नहीं ली जा रही है।
इस पर जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अपनाते हुए निर्देश दिया कि सभी प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी एक सप्ताह के भीतर प्रत्येक ग्राम पंचायत में योजनाओं का कार्य प्रारंभ कराते हुए कैम्प मोड में लंबित भुगतान सुनिश्चित करें। साथ ही जिन मुखियाओं द्वारा कार्य में रुचि नहीं ली जा रही है, उन्हें चिन्हित कर उनके विरुद्ध बिहार पंचायत राज अधिनियम की धारा 18(5) के तहत कार्रवाई हेतु प्रस्ताव जिला कार्यालय को भेजना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि चतुर्थ चरण के अंतर्गत चयनित एजेंसी को जिले में कुल 6670 सोलर स्ट्रीट लाइट का अधिष्ठापन करना है, जबकि अब तक मात्र 796 लाइट ही अधिष्ठापित की गई हैं। कार्य की धीमी प्रगति और असंतोषजनक प्रदर्शन को देखते हुए एजेंसी को एक सप्ताह के भीतर कार्य में अपेक्षित प्रगति लाने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि निर्धारित समय सीमा में सुधार नहीं होने की स्थिति में एकरारनामा में वर्णित शर्तों के अनुसार राशि की कटौती की जाएगी। इस संबंध में जिला पंचायत राज पदाधिकारी को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को जनहित की योजनाओं में तेजी लाने तथा निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण कराने का सख्त निर्देश दिया।

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