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बहू के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में ससुर को 10 वर्ष सुनायी गयी सजा



सुपौल। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम निशिकांत ठाकुर की कोर्ट ने वर्ष 2018 में एक कलयुगी श्वसुर द्वारा अपने ही पुत्रवधु के साथ दुष्कर्म करने से संबंधित महिला थाना कांड संख्या 99/2018 से जनित सत्रवाद संख्या 374/2018 के मामले में अभियुक्त कंतलाल मंडल को धारा 376, 341, 323, 504, 506 भादवि के तहत दोषी पाते हुए धारा 376 भादवि के तहत 10 (दस) वर्ष सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनायी है। जबकि धारा 323 भादवि के तहत 06 माह का सश्रम कारावास, एवं 500 रुपया अर्थदण्ड, धारा-341 भादवि के तहत 01 माह का साधारण कारावास एवं 500 रुपया अर्थदण्ड, धारा-504 भादवि के तहत 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 01 हजार रुपये का अर्थदण्ड तथा धारा 506 भादवि के तहत 02 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 02 हजार रूपये का अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर क्रमश: 03 माह, 01 माह, 15 दिन, 01 माह एवं 01 माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई। कारा में पूर्व में बिताई गई अवधि दी गई सजा में समायोजित की जाएगी। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक कमल नारायण यादव के द्वारा सफल विचारण कराया गया। जबकि पुलिस अधीक्षक शैशव यादव के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में अभियोजन कोषांग के द्वारा उक्त वाद का त्वरित विचारण कराकर कुल 06 साक्षियों की गवाही ससमय करायी गयी। साक्षियों के द्वारा अपने-अपने बयान में घटना तथा प्राथमिकी का समर्थन किया गया। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता संजय कुमार सिंह ने बहस में भाग लिया। दोनों पक्षों की ओर से दलील सुनने के बाद न्यायाधीश ने 06 मार्च को उक्त अभियुक्त को धारा 341, 323, 376 भादवि के तहत दोषी ठहराया था।
   पीड़िता के आवेदन के आधार पर 11 जुलाई 2018 को महिला थाना कांड संख्या 99/2018 दर्ज किया गया था। जिसमें कंतलाल मंडल के खिलाफ केस दर्ज करायी गयी थी। दर्ज प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है कि पीड़िता की शादी 25 फरवरी 2015 को हिन्दू रिति-रिवाज के अनुसार अभियुक्त के पुत्र राजेश रंजन के साथ हुई थी। पीड़िता दो वर्ष तक अपने ससुराल में ठीकठाक से रही। किन्तु उसके बाद से उसके ससुर कंतलाल मंडल उसके साथ छेड़खानी करने लगे तथा कहने लगे कि उनका पुत्र मंदबिद्ध है। ऐसा बोल कर वह पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास करने लगे। विरोध करने पर वह पीड़िता को जान से मारने की धमकी भी देता था। लोक लज्जा एवं भयवश पीड़िता इसके बारे में किसी को नहीं बताई। प्राथमिकी दर्ज होने से करीब एक वर्ष पहले पीड़िता की सास एवं पति बाहर गये हुए थे। इसी क्रम में उसके श्वसुर ने पीड़िता को डरा-धमकाकर उनके साथ दुष्कर्म किया। सास और पति को इस घटना के बारे में बताने पर उसके साथ सास भी मारपीट कर देती थी। जबकि उसके पति को उसके श्वसुर मारपीट कर घर से निकाल देने का धमकी देकर उन्हें चुप करा देते थे। जिसके कारण घर में अकेली रहने पर उसके श्वसुर उसके साथ कलंकित करने की घटना को अंजाम देते रहे।  

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