सुपौल। पेट्रोल पंप प्रबंधक दीप नारायण पोद्दार उर्फ दीपू की हत्या के बाद आक्रोशित लोगों का गुस्सा शनिवार को भी शांत नहीं हुआ। घटना के दूसरे दिन पिपरा बाजार बंद रहा और स्थानीय युवाओं ने सुभाष चौक एवं महावीर चौक पर सड़क जाम कर आवागमन ठप कर दिया। शुक्रवार की देर रात छह घंटे के बाद प्रशासन के हस्तक्षेप से जाम हटाया गया। शनिवार सुबह फिर से युवाओं ने चौक-चौराहों को जाम कर दिया। सूचना पर एसडीएम इंद्रवीर कुमार और एसडीपीओ आलोक कुमार मौके पर पहुंचे और जनप्रतिनिधियों व स्थानीय लोगों से बातचीत की।
इस दौरान तय किया गया कि शिष्टमंडल जिला पदाधिकारी कौशल कुमार और पुलिस अधीक्षक शैशव यादव से मिलकर अपनी मांगें रखेगा। शनिवार को प्रखंड परिसर के टीसीपी भवन में डीएम और एसपी ने शिष्टमंडल से मुलाकात की। डीएम कौशल कुमार ने परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि 21 से 25 जनवरी के बीच समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
शिष्टमंडल ने मृतक के परिवार के लिए मुआवजा, पत्नी को सरकारी नौकरी, बच्चों के लिए निःशुल्क आवासीय शिक्षा और सामाजिक सहयोग की मांग रखी। डीएम ने परिवार को सहायता राशि दिलाने और समस्याओं के समाधान के लिए वरीय अधिकारियों से संपर्क का आश्वासन दिया। एसपी शैशव यादव ने घटना को पुलिस के लिए चुनौती बताया और अपराधियों को शीघ्र पकड़ने की बात कही।
इधर जब पोस्टमार्टम के बाद दीपू का शव तेतराही अमहा स्थित उसके निवास स्थान पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया। हृदय रोग से पीड़ित पिता लक्ष्मी नारायण पोद्दार और माता इस पीड़ा को सहन नहीं कर सके। शव को पास के रिश्तेदार के घर रखा गया। पत्नी विजेयता देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। चार बेटियों और एक बेटे की परवरिश की चिंता उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी। बड़ा भाई लेख नारायण पोद्दार माता-पिता और बच्चों की जिम्मेदारी को लेकर चिंतित दिखा।
परिवार और रिश्तेदारों के बीच गम का माहौल था। बड़ी बेटी बार-बार बेहोश हो रही थी, जिसे पिपरा सीएचसी में इलाज के लिए ले जाया गया। हृदयविदारक चीखों के बीच दीपू का अंतिम संस्कार किया गया। उनके छह वर्षीय पुत्र भुवन ने अपने पिता को मुखाग्नि दी।
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