सुपौल। एसएसबी 45वीं बटालियन मुख्यालय में 21 दिवसीय मिथिला पेंटिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुक्रवार को समापन हो गया। इस अवसर पर एसएसबी पूर्णिया रेंज के डीआईजी राजेश टिक्कू ने प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
समारोह को संबोधित करते हुए डीआईजी राजेश टिक्कू ने कहा कि मिथिला पेंटिंग आज वैश्विक पहचान बना चुकी है और आने वाले समय में इसे रोजगार का एक मजबूत साधन बनाया जा सकता है। उन्होंने प्रशिक्षुओं से कहा कि वे इस कला को अपनाकर अपने जीवन को आत्मनिर्भर बना सकते हैं।
एसएसबी 45वीं बटालियन के कमांडेंट गौरव सिंह ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों की महिलाओं के सशक्तिकरण और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 15 जनवरी से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि एसएसबी सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए भी प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य से मधुबनी पेंटिंग का यह कोर्स संचालित किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन रामा फाउंडेशन के प्रशिक्षकों की देखरेख में किया गया। प्रशिक्षुओं ने एसएसबी के इस प्रयास की सराहना करते हुए करतल ध्वनि से समर्थन जताया।
समापन समारोह में परियोजना निदेशक दिवेश कुमार पांडेय, जीवानंद, रिंकू, कुमारी रिया सहित एसएसबी के द्वितीय कमान पदाधिकारी जगदीश कुमार शर्मा, डिप्टी कमांडेंट रुपेश शर्मा, शैलेश कुमार सिंह, सुदेश कुमार, सहायक उप-निरीक्षक दीपक सोनार एवं आरक्षी सिरसाट गौरव उपस्थित थे।
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