सुपौल। आस्था और विश्वास का प्रतीक चौरचन पावैन (पर्व) मंगलवार की संध्या को मिथिलांचल के विभिन्न हिस्सों में धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। श्रीगणेश जी महाराज एवं चंद्रदेव को समर्पित इस पावैन को लेकर पूरे क्षेत्र में धार्मिक माहौल रहा।
संध्याकाल में श्रद्धालुओं ने दही-छाछ एवं पुजन प्रसाद के साथ चंद्रदेव की पूजा-अराधना की। इसके बाद परिवार के सदस्य एवं हित-कुटुंबजन एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण कर आनंद उठाते हैं।
यह पर्व विशेष रूप से भारत और नेपाल के मिथिला क्षेत्र में मनाया जाता है। स्थानीय लोग इसे चौठचंद, चौरचन सहित कई नामों से पुकारते हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि समाज में आपसी सौहार्द और एकजुटता का प्रतीक भी माना जाता है।

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