सुपौल। कोशी नव निर्माण मंच द्वारा शुक्रवार को डिग्री कॉलेज चौक पर बाढ़ कटाव पीड़ितों की समस्याओं को लेकर एक दिवसीय धरना आयोजित किया गया। धरना स्थल से मंच ने 17 सूत्रीय मांग पत्र एडीएम के प्रतिनिधि के माध्यम से जिलाधिकारी को सौंपा। मंच ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो 7 अक्टूबर से मुंगरार घाट पर अनिश्चितकालीन जल सत्याग्रह शुरू किया जाएगा।
धरना कार्यक्रम में कोशी तटबंध के भीतर के विभिन्न गांवों से आए पीड़ितों ने बाढ़ के दौरान झेली गई अपनी व्यथा साझा की। लालगंज के जागेश्वर मिस्त्री, बेला गोठ की त्रिफुल देवी, किरण देवी, रेणु देवी, रेखा देवी समेत कई लोगों ने बताया कि कटाव के कारण वे बेघर हो गए और दर-दर भटकने को विवश हैं। 2024 की बाढ़ में ख़खई स्पर पर बसे महादलित परिवारों के घर पूरी तरह बह गए थे, लेकिन अब तक उन्हें गृह क्षति का मुआवजा नहीं मिला।
धरने में खोखनहा, पंचगछिया, बौराहा, मानिकपुर, हासा, सिकरहटा, सियानी, निर्मली, बलवा, सुकुमारपुर, बगहा, मुसहरनिया और दिघीया समेत कई गांवों के लोग शामिल हुए और अपनी समस्याओं को सार्वजनिक किया।
धरना के दौरान प्रमुख मांगों में डूबे गांवों को बाढ़ग्रस्त घोषित करने, कटाव पीड़ितों का सरकारी अथवा खाली पड़ी जमीन पर पुनर्वास, गृह क्षति का मुआवजा, तटबंध के भीतर व तटबंध पर बसे परिवारों का सर्वे कर पुनर्वास, कोशी पीड़ितों के विकास कार्यों का पुनर्जीवन, लगान माफी और वैकल्पिक समाधान में जनभागीदारी सुनिश्चित करना शामिल रहा।
सुपौल डीएम और एडीएम की अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि ने मांग पत्र स्वीकार किया। कार्यक्रम का संचालन परिषदीय अध्यक्ष इंद्र नारायण सिंह ने किया, जबकि अध्यक्षता आलोक राय, राजेश मंडल, राजेंद्र यादव, अरविंद मेहता और कमलवती ने संयुक्त रूप से की। धन्यवाद ज्ञापन धर्मेंद्र कुमार ने दिया।
धरना में उमेश पासवान, चंद्रमोहन यादव, जनोद, प्रिय कुमार, विशनदेव सदा, फुदय मुखिया, चन्नू, रामचंद्र यादव, मो. सदरूल, अमित, महेंद्र यादव समेत कई लोगों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम की व्यवस्था में संतोष मुखिया, जयप्रकाश, संजय यादव, मनीष, शिवशंकर मंडल, आरिफ निजाम और भीम सदा सक्रिय रहे।
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