गेट्स फाउंडेशन टीम का जिला भ्रमण: नियमित टीकाकरण को मजबूत करने पर दिया जोर
गया, 13 सितंबर – शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से गेट्स फाउंडेशन की एक उच्चस्तरीय टीम ने शनिवार को गया जिले का दौरा किया। टीम ने जिले में चल रहे नियमित टीकाकरण कार्यक्रमों की समीक्षा की और शिशुओं को होने वाली संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए टीकाकरण की स्थिति का जायजा लिया।
टीम में गेट्स फाउंडेशन के उपनिदेशक डॉ. भूपेंद्र त्रिपाठी और वैक्सीन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. दिशा अग्रवाल शामिल थे। उन्होंने सबसे पहले जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राजीव अंबष्ट से मुलाकात की और जिले में टीकाकरण की प्रगति पर चर्चा की। डॉ. अंबष्ट ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण की दर लगभग 60 प्रतिशत है, जिसे और बेहतर करने की आवश्यकता है।
वैक्सीनेशन भंडारण का निरीक्षण
टीम ने जेपीएन सदर अस्पताल स्थित जिला वैक्सीनेशन भंडार का दौरा कर टीकों के संग्रहण, भंडारण तापमान और उपकरणों की स्थिति का निरीक्षण किया। आईस-लाइन्ड रेफ्रिजरेटर और डीप फ्रीजर की जांच के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि टीकों को उपयुक्त तापमान पर संरक्षित किया जा रहा है।
संक्रामक रोगों के मामलों की समीक्षा
इसके बाद टीम ने मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग का दौरा किया और प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष डॉ. रविंद्र कुमार से मुलाकात की। उन्होंने शिशुओं में खसरा, रूबेला, डिप्थेरिया, टेटनस, पोलियो, निमोनिया, डायरिया, ट्यूबरक्लोसिस, हेपेटाइटिस बी और जापानी इंसेफेलाइटिस जैसे रोगों के मामलों की जानकारी ली।
इस अवसर पर शिशु रोगों के उपचार और टीकाकरण को और अधिक सशक्त बनाने के लिए रणनीति पर भी चर्चा हुई।
फील्ड विजिट: सेवाओं की गुणवत्ता से संतुष्ट
टीम ने रामधुनपुर आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 8 और कटारी हिल शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भी भ्रमण किया। शहरी स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता दिवस के अंतर्गत चल रहे टीकाकरण सत्र का निरीक्षण करते हुए टीम ने लाभार्थियों, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं से बातचीत की। सभी ने समय पर सेवाएं मिलने की पुष्टि की, जिस पर टीम ने संतोष व्यक्त किया।
समय पर टीकाकरण की महत्ता पर बल
डॉ. भूपेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि, “समय पर टीका न लग पाना शिशु मृत्यु का एक बड़ा कारण है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी बच्चा या गर्भवती महिला टीकाकरण से वंचित न रह जाए।”
डॉ. दिशा अग्रवाल ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा कि, “0 से 5 वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु दर में सबसे अधिक योगदान उन बच्चों का होता है जिन्हें समय पर टीका नहीं मिल पाता।”
टीकाकरण कार्यक्रम की सराहना
टीम ने जिले में चल रहे नियमित टीकाकरण कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रयास न केवल बच्चों की जान बचाता है, बल्कि एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की नींव रखता है। साथ ही, इससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में भी मदद मिल रही है।
दौरे में ये अधिकारी भी रहे मौजूद
फील्ड विजिट के दौरान टीम के साथ निम्नलिखित प्रतिनिधि शामिल रहे:
-
डॉ. मंदार कन्नुरे – स्टेट हेड, विलियम जे. क्लिंटन फाउंडेशन
-
डॉ. आयुषी अग्रवाल – प्रोजेक्ट डायरेक्टर, जॉन स्नो इनिशिएटिव
-
डॉ. हसन – स्टेट लीड, जॉन स्नो इनिशिएटिव
-
अजय चेरोबीम एवं असजद इकबाल – यूनिसेफ
-
नरेंद्र सिंह एवं नीरज कुमार – पीरामल फाउंडेशन
-
रविरंजन – यूएनडीपी
-
मकसूद – प्रतिरक्षण विभाग
-
शिकोह अलबदर – सीफार
कोई टिप्पणी नहीं