प्रेस वार्ता में पीबीआई के राष्ट्रीय
अध्यक्ष प्रो. ए. के. भास्कर ने बताया कि पार्टी ने बिहार की विभिन्न विधानसभा
सीटों के लिए नैतिकता, सामाजिक विकास,
और समरसता के प्रति प्रतिबद्ध उम्मीदवारों के चयन की चरणबद्ध
प्रक्रिया शुरू कर दी है। बिहार गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन, और बड़े पैमाने पर पलायन जैसी गंभीर
समस्याओं से जूझ रहा है। उन्होंने बताया कि पीबीआई का लक्ष्य महान सामाजिक-आर्थिक
चिंतक प्रभात रंजन सरकार द्वारा बिहार में ही प्रतिपादित 'प्रउत'
(प्रगतिशील उपयोग तत्त्व सिद्धांत) के माध्यम से इन समस्याओं का
समाधान करना है।
प्रो. भास्कर ने पार्टी के प्रमुख लक्ष्यों पर प्रकाश डालते हुए निम्नलिखित बिंदुओं पर जोर दिया
- नैतिकता को बढ़ावा: राजनीति से अनैतिक लोगों को हटाकर
नैतिकवान नेताओं को सामने लाना।
- रोजगार और मूलभूत सुविधाएँ: शत-प्रतिशत रोजगार के साथ सभी के लिए
मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति।
- आर्थिक सशक्तिकरण: लोगों की क्रय क्षमता को बढ़ाना और
आर्थिक लोकतंत्र स्थापित करना।
- शिक्षा और स्वास्थ्य: निःशुल्क और संस्कारयुक्त शिक्षा,
चिकित्सा, और निष्पक्ष न्याय व्यवस्था।
- शैक्षिक सुधार: प्राथमिक से विश्वविद्यालय स्तर तक
शिक्षा में सुधार और उच्च स्तरीय शोध केंद्रों की स्थापना।
- कृषि को प्राथमिकता: कृषि को उद्योग का दर्जा देकर किसानों को
अपने उत्पादों का मूल्य स्वयं निर्धारित करने का अधिकार।
- कृषि आधारित उद्योग: कृषि और कृषि-सहायक उद्योगों को बढ़ावा
देना।
- बाढ़ समाधान: उत्तर बिहार में बाढ़ की समस्या का
स्थायी समाधान।
- नशामुक्ति: शराबबंदी नीति का समर्थन और नशे के
उत्पादन व वितरण पर पूर्ण प्रतिबंध।
- आर्थिक समानता: गरीबी रेखा के बजाय अमीरी रेखा लागू करना
और धन के संचय को सीमित करना।
- महिला सशक्तिकरण: महिला सुरक्षा, सम्मान,
और उत्थान पर विशेष ध्यान।
- कर सुधार: प्रत्यक्ष करों (जैसे आयकर, संपत्ति कर) को समाप्त करना।
पार्टी का उद्देश्य धन के संचय को
सीमित करके राष्ट्रीय संपत्ति का न्यायोचित वितरण सुनिश्चित करना है, ताकि आर्थिक असमानता को समाप्त कर आर्थिक
लोकतंत्र स्थापित हो सके।
पीबीआई के संगठन सचिव ई. अमोद कुमार
ने कहा कि शिक्षा में लगातार अधोगति, शिक्षण संस्थानों में अपसंस्कृति, और बेरोजगारी की
समस्या से वे दुखी हैं। उन्होंने बताया कि 'प्रउत' सिद्धांत में उन्हें इन समस्याओं का व्यवहारिक समाधान मिला है और वह
पीबीआई के माध्यम से वास्तविक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उम्मीदवारों
की घोषणा सितंबर में
बिहार प्रदेश चुनाव अभियान समिति के
अध्यक्ष आचार्य शिवनारायण प्रसाद ने बताया कि पीबीआई सितंबर 2025 में अपने सभी उम्मीदवारों के नामों की
घोषणा कर देगी। उन्होंने कहा कि पार्टी नैतिकता और सामाजिक विकास के लिए समर्पित
उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी।
प्राउटिस्ट विपिन कुमार ने व्यवस्था
परिवर्तन के लिए किसानों और मजदूरों को प्रशिक्षित करने और क्रमबद्ध जन आंदोलन की
आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पीबीआई सामाजिक और आर्थिक बदलाव के लिए जनता
को जागरूक करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रेस वार्ता में पीबीआई के राष्ट्रीय
अध्यक्ष प्रो. ए. के. भास्कर, संगठन सचिव ई. अमोद कुमार, बिहार प्रदेश चुनाव
अभियान समिति अध्यक्ष आचार्य शिवनारायण प्रसाद, सुपौल जिला
अध्यक्ष गुणसागर साहू, मधेपुरा जिला अध्यक्ष उमाशंकर यादव,
अर्जुन कुमार अनुज, रविंद्र यादव, शिवकुमार भारती और अखिलेश कुमार सहित कोशी क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से
आए पार्टी पदाधिकारी उपस्थित रहे।
पीबीआई ने अपने संकल्प और उम्मीदवारों
की घोषणा के साथ बिहार विधानसभा चुनाव 2025
में एक नई वैचारिक और नैतिक दृष्टि के साथ उतरने का ऐलान किया है।
पार्टी का दावा है कि वह बिहार की जनता के लिए प्रगतिशील और समावेशी विकास का
रास्ता प्रशस्त करेगी।
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