सुपौल। राघोपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सिमराही बाजार स्थित गांधीनगर में सोमवार को मत्स्य विभाग की टीम ने ट्रक से प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली जब्त की थी। अधिकारियों की मौजूदगी में ट्रक चालक और दो मजदूरों को गिरफ्तार कर थाना लाया गया था तथा वाहन को जब्त कर परिसर में खड़ा किया गया था। लेकिन मंगलवार को यह मामला नया मोड़ ले बैठा।
आरोप है कि राघोपुर थाना प्रशासन ने जब्त की गई थाई मांगुर मछली को स्थानीय व्यापारियों को बेच दिया। बताया जाता है कि थाना परिसर से ही मछलियों को ऑटो और पिकअप वाहनों में लादकर मंडी पहुंचाया गया। इस दौरान मछली लादने और अनलोडिंग का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
मत्स्य विभाग ने पहले ही स्पष्ट किया था कि थाई मांगुर का पालन, उत्पादन और परिवहन भारत में पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक और देशी मछलियों की प्रजातियों के लिए खतरनाक माना जाता है। ऐसे में जब्त मछली की कथित बिक्री विभागीय कार्रवाई और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब्त मछली को नष्ट करने के बजाय बेचना न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि इससे विभागीय मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि इस मछली के सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बताया जाता है।
इस बाबत राघोपुर थाना पुलिस ने कुछ भी कहने से परहेज किया है। अपर थानाध्यक्ष जैनेंद्र झा ने कहा कि उन्हें इस मामले की विशेष जानकारी नहीं है। वहीं वीरपुर एसडीपीओ सुरेंद्र कुमार ने बताया कि प्राथमिकी उनके संज्ञान में है, लेकिन मछली बेचे जाने की जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने कहा कि बिना कोर्ट आदेश के मछली किसी को नहीं दी जा सकती। यदि यह वीडियो सामने आया है तो जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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