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बाल संरक्षण इकाई ने चलाया अभियान, बाल विवाह, तस्करी और श्रम रोकथाम पर दिया जोर


सुपौल। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली द्वारा शुरू किए गए “बाल तस्करी से आज़ादी 3.0” अभियान एवं राज्य बाल संरक्षण आयोग के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण इकाई, सुपौल की ओर से विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सभागार में संपन्न हुआ, जिसकी अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक दीपक कुमार ने की।

कार्यक्रम में उपस्थित पदाधिकारियों व हितधारकों को संबोधित करते हुए सचिव ने कहा कि बच्चों से जुड़े किसी भी अपराध जैसे–बाल तस्करी, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल यौन शोषण आदि मामलों में संवेदनशील होकर त्वरित कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर बाल अधिकार संरक्षण हेतु विभिन्न विभागों की सक्रिय भूमिका आवश्यक है।

इस मौके पर जिला बाल संरक्षण इकाई, सुपौल के सहायक निदेशक विवेक शर्मा ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बालकों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, पुलिस विभाग और संबंधित अन्य एजेंसियों की जिम्मेदारी पर विस्तार से प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि मानव तस्करी (निवारण) अधिनियम-2015 के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। सुपौल पुलिस अधीक्षक के प्रतिनिधि ने कहा कि जिले में इस संबंध में विशेष अभियान चलाकर आम जनता को जागरूक किया जा रहा है।

इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण समिति, बाल कल्याण समिति, विभिन्न विभागों एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। संचालन अफसर अफ़सरी इल्ताफ ने किया और धन्यवाद ज्ञापन सहायक निदेशक विवेक शर्मा ने दिया।

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