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निर्वाचन आयोग की सख्ती, बिना अनुमति प्रकाशित नहीं होंगे चुनाव से जुड़े पोस्टर और पंपलेट




सुपौल। जिला निर्वाचन पदाधिकारी–सह–जिलाधिकारी सावन कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में प्रिंटिंग प्रेस के संचालकों के साथ विधानसभा आम निर्वाचन 2025 को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में चुनाव के दौरान पंपलेट और पोस्टर मुद्रण से संबंधित दिशा-निर्देशों पर विस्तार से चर्चा की गई और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 127ए के प्रावधानों के तहत सभी प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को आवश्यक निर्देश दिए गए।

बैठक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति किसी निर्वाचन pamphlet या poster को प्रकाशित या मुद्रित नहीं करेगा। ऐसे मुद्रित सामग्री में प्रिंटिंग प्रेस का नाम और पता स्पष्ट रूप से अंकित होना अनिवार्य रहेगा।

उन्होंने बताया कि किसी भी पोस्टर या पंपलेट को प्रकाशित करने से पहले मुद्रणकर्ता को मुद्रण की चार प्रतियां जिलाधिकारी या अनुमंडल पदाधिकारी को उपलब्ध करानी होंगी। साथ ही प्रकाशक और मुद्रक द्वारा एक संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर कर उसे प्रस्तुत करना होगा।

बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि चुनाव के दौरान प्रकाशित किसी भी सामग्री की जिम्मेदारी मुद्रक और प्रकाशक दोनों की होगी। अगर कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके विरुद्ध कानूनन कार्रवाई की जाएगी, जिसमें छह महीने तक की सजा या जुर्माना, अथवा दोनों का प्रावधान है।

जिलाधिकारी ने सभी राजनीतिक दलों, अभ्यर्थियों और संबंधित व्यक्तियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि वे उक्त निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

बैठक में मौजूद सभी प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को धारा 127ए(2)(b) के प्रावधानों की जानकारी दी गई और उनसे तीन दिनों के भीतर अनुमोदन प्रमाण पत्र प्राप्त कर जिला निर्वाचन शाखा में जमा करने का निर्देश दिया गया।

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