सुपौल। बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गई है। इसी क्रम में जिला दंडाधिकारी, सुपौल द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा-163 के तहत आवश्यक निषेधाज्ञा जारी की गई है। यह आदेश 6 अक्टूबर 2025 से लेकर चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक प्रभावी रहेगा।
जारी आदेश में कहा गया है कि निर्वाचन अवधि के दौरान जिले में शांति, सुरक्षा और निष्पक्ष वातावरण बनाए रखने के उद्देश्य से किसी भी प्रकार की सभा, जुलूस, प्रदर्शन, धरना या राजनीतिक कार्यक्रम बिना पूर्व अनुमति के नहीं किए जा सकेंगे।
जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेश के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं
1. किसी भी प्रकार की सभा, जुलूस, नारेबाजी या प्रदर्शन के आयोजन से पूर्व संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी या पुलिस प्रशासन से अनुमति आवश्यक होगी।
2. लाउडस्पीकर के उपयोग पर The Bihar Control of the Use and Play of Loudspeaker Act, 1955 के प्रावधान लागू रहेंगे। ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक ही किया जा सकेगा।
3. किसी भी व्यक्ति या समूह को हथियार, लाठी, भाला, त्रिशूल या किसी प्रकार का घातक सामान लेकर जुलूस या सभा में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी।
4. बिना अनुमति के किसी प्रकार के पोस्टर, बैनर, झंडा या धार्मिक प्रतीक सार्वजनिक स्थल पर नहीं लगाए जाएंगे।
5. किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार द्वारा धार्मिक स्थलों का चुनाव प्रचार में प्रयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
6. चुनाव से जुड़ी किसी भी गतिविधि में सांप्रदायिक या धार्मिक भावना भड़काने वाले भाषण पर पूर्ण पाबंदी रहेगी।
7. आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर BNSS की धारा-163 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
यह आदेश जिला दंडाधिकारी, सुपौल द्वारा न्यायालय की मुहर एवं हस्ताक्षर से जारी किया गया है। आदेश की प्रतिलिपि सभी पदाधिकारियों, थाना प्रभारियों, कार्यपालक अधिकारियों तथा मीडिया प्रतिनिधियों को भेजी गई है, ताकि निर्वाचन अवधि में शांति एवं विधि-व्यवस्था बनाए रखी जा सके।

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