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राजनीति में अपराधियों की भागीदारी लोकतंत्र के लिए खतरा : पूर्व केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह

 


सुपौल। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं आरा के पूर्व सांसद भाजपा नेता राजकुमार सिंह रविवार को सुपौल पहुंचे, जहां उन्होंने एक निजी कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने मोकामा से अनंत सिंह की गिरफ्तारी को पूरी तरह से सही और संतोषजनक कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा कि चुनावी माहौल में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसी सख्त कार्रवाई आवश्यक है।

राजकुमार सिंह ने कहा कि यह प्रशासन और चुनाव आयोग दोनों की गंभीर नाकामी थी कि एक व्यक्ति 30 से 40 गाड़ियों के काफिले और हथियारों के साथ खुलेआम घूम रहा था, जो आचार संहिता का खुला उल्लंघन था। उन्होंने कहा कि इस मामले में जब कार्रवाई हुई, तो एसडीओ, डीएसपी और एसएचओ तक को निलंबित करना पड़ा, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार इस बार कानून व्यवस्था को लेकर सख्त रुख में है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब तक अराजकता और अपराध पर सख्ती से रोक नहीं लगाई जाएगी, तब तक लोकतंत्र की जड़ें कमजोर होती रहेंगी। उन्होंने कहा कि राजनीति में अपराधियों की भागीदारी लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि आज वही नेता राजनीति के अपराधीकरण की बात करते हैं, जो खुद अपराधियों को टिकट देते हैं। राजनीतिक दल जब वोट बैंक की राजनीति के लिए अपराधियों को उम्मीदवार बनाते हैं, तो यह लोकतंत्र का अपमान है।

राजकुमार सिंह ने कहा कि मैं सही बात बोलता हूं और जोर से बोलता हूं। मुझे किसी कार्रवाई का डर नहीं है। उन्होंने जनता से अपील की कि अगर किसी भी दल का उम्मीदवार अपराधी प्रवृत्ति का है, तो उसे वोट न दें। उन्होंने साफ कहा कि चाहे वह भाजपा का ही उम्मीदवार क्यों न हो, अगर वह अपराधी है तो उसे वोट देने के बजाय ‘नोटा’ दबाएं।

पूर्व मंत्री के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। क्योंकि उन्होंने न केवल विपक्ष पर, बल्कि अपनी ही पार्टी के संदर्भ में भी सख्त टिप्पणी की है। उनका यह बयान बिहार की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और कानून-व्यवस्था पर एक सशक्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

राजकुमार सिंह ने अंत में कहा कि अगर बिहार को सच्चे अर्थों में विकास की राह पर लाना है, तो राजनीति को अपराधमुक्त करना सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।

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