सुपौल। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार की देर रात माइक्रो फाइलेरिया प्रसार दर की जांच को लेकर सदर प्रखंड के चैनसिंहपट्टी वार्ड नंबर-3 स्थित सेंटिनल साइट पर नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. ललन कुमार और डीपीसी बालकृष्ण चौधरी ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर डीसीएम, बीडीसीओ बिपीन कुमार, पीरामल फाउंडेशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक विजय कुमार, प्रोग्राम ऑफिसर पिंकी कुमारी, तथा स्वास्थ्य विभाग से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अभिषेक कुमार बच्चन, बीएएम सुभाष सिंह, बीसीएम रश्मि कुमारी, वीबीडीएस पल्लवी सुमन, एलटी, सीएचओ और एएनएम सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।
सिविल सर्जन डॉ. ललन कुमार ने बताया कि माइक्रो फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में विभिन्न प्रखंडों में रात के समय रक्त की जांच की जा रही है ताकि यह आकलन किया जा सके कि किस क्षेत्र में फाइलेरिया का प्रसार दर कितना है। उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रखंड का माइक्रो फाइलेरिया प्रसार दर 1 प्रतिशत या उससे अधिक पाया जाता है, तो उस प्रखंड में आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन (MDA) अभियान के दौरान सभी लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस अभियान के दौरान गर्भवती महिलाओं, दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों को फाइलेरिया की दवा नहीं दी जाएगी।
डॉ. कुमार ने बताया कि इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य जिले से फाइलेरिया संक्रमण को जड़ से समाप्त करना है ताकि सुपौल जिला जल्द ही फाइलेरिया मुक्त घोषित किया जा सके।

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