सुपौल। कोशी नव निर्माण मंच सुपौल की जिला कमिटी की एक महत्वपूर्ण बैठक संगठन के गजना चौक के समीप स्थित कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक में कोशी कटाव से प्रभावित लोगों की समस्याओं पर गंभीर चर्चा की गई। उपस्थित सदस्यों ने बताया कि इस वर्ष जिन लोगों के घर कोशी कटाव में उजड़ गए हैं, उन्हें अब तक गृहक्षति का भुगतान नहीं मिला है, वहीं कई पीड़ित सहाय्य राशि (जी.आर.) के लाभ से भी वंचित हैं।
बैठक में कहा गया कि पुनर्वास की कोई ठोस व्यवस्था नहीं होने के कारण कटाव पीड़ित परिवार तटबंध पर या इधर-उधर शरण लेने को मजबूर हैं, जो प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है। इस पर संगठन के सदस्यों ने रोष व्यक्त करते हुए निर्णय लिया कि इन सभी सवालों को लेकर एक सामूहिक आवेदन तैयार कर प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मिलेगा। इसके बाद आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।
संगठन ने कोशी कटाव के बाद तटबंध पर बसे लोगों को पुनर्वास या सरकारी जमीन पर बसाने की मांग दोहराई। साथ ही कोशी तटबंध के भीतर रहने वाले लोगों का सर्वे कर उन्हें पुनर्वासित कराने, कोशी पीड़ित विकास प्राधिकार को पुनः सक्रिय करने, लगान मुक्ति, तथा कोशी की छारण धाराओं को पुनर्जीवित कर उनमें पानी डायवर्ट करने जैसे बुनियादी मुद्दों पर नवगठित सरकार के संबंधित मंत्रियों और सचिवों को आवेदन देने का निर्णय लिया गया।
बैठक में बैरिया मंच से मरौना के बीच कोशी नदी पर प्रस्तावित पुल निर्माण के प्रयासों का स्वागत करते हुए कहा गया कि पुल की डिजाइन में तटबंध के भीतर रहने वाले लोगों के लिए चढ़ने-उतरने की पर्याप्त एप्रोच व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा सुपौल नगर क्षेत्र में पुनर्वासित कोशी पीड़ितों से होल्डिंग टैक्स माफ करने की मांग को लेकर भी ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया।
संगठन ने बिना कचरा उठाए लोगों से शुल्क वसूली का विरोध किया। वहीं मनरेगा को समाप्त कर वी.भी.जी. राम जी योजना लागू किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा गया कि यह नया कानून बिहार जैसे गरीब राज्य में मजदूरों और राज्य के बुनियादी विकास, दोनों के हित में नहीं है। इस पर केंद्र सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए।
नए वर्ष में कोशी से जुड़े सवालों को लेकर नए जोश और मजबूती के साथ संगठन को खड़ा करने के संकल्प के साथ बैठक सम्पन्न हुई।बैठक में राजेश मंडल, अरविंद मेहता, भागवत पंडित, मो. अब्बास, हरिनंदन, योगेश्वर मिस्त्री, संजय, रामदेव मंडल, अर्चना सिंह, प्रमिला देवी, ऊषा देवी, कलमवती देवी, विवेकानंद, सब्बीर, रामचंद्र शर्मा, जयप्रकाश सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
बैठक का विषय प्रवेश इंद्र नारायण सिंह ने किया, अध्यक्षता आलोक राय ने की तथा संचालन महेंद्र यादव ने किया। धन्यवाद ज्ञापन धर्मेन्द्र कुमार द्वारा किया गया।

कोई टिप्पणी नहीं